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दान किए गए पैसों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

ऐसे गीत जो हमें परमेश्‍वर के करीब लाएँ

ऐसे गीत जो हमें परमेश्‍वर के करीब लाएँ

1 नवंबर, 2021

 संगीत यहोवा की तरफ से एक बढ़िया तोहफा है। इसका हमारी सोच पर बहुत असर हो सकता है, हमारा मूड अच्छा हो सकता है और हमारा हौसला बढ़ सकता है। यही बात हमारे ब्रॉडकास्टिंग के गानों के बारे में कही जा सकती है। इन गानों से तो और भी फायदा होता है, इन्हें सुनकर हम यहोवा के और करीब महसूस करते हैं।

 सन्‌ 2014 से लेकर अब तक ब्रॉडकास्टिंग के 70 से भी ज़्यादा गाने तैयार किए जा चुके हैं। और इनमें से कम-से-कम एक गाना 500 से भी ज़्यादा भाषाओं में उपलब्ध है! शायद आप सोचें, ‘ये गाने कौन बनाता है और इन्हें कैसे तैयार किया जाता है?’

परदे के पीछे झाँककर देखें

 ब्रॉडकास्टिंग के गाने ऑडियो/वीडियो सेवाओं की संगीत टीम तैयार करती है। यह सारा काम शासी निकाय की शिक्षा-समिति की निगरानी में किया जाता है। संगीत टीम में 13 भाई-बहन हैं। वे संगीत की धुन तैयार करते हैं, गीत के बोल लिखते हैं, म्यूज़िक इंजीनिरिंग से जुड़े काम करते हैं, शेड्‌यूल बनाते हैं और दूसरे ज़रूरी काम करते हैं। इन भाई-बहनों के अलावा, शिक्षा-समिति ने दुनिया-भर के कई भाई-बहनों को रिमोट वॉलंटियर के तौर पर सेवा करने की मंज़ूरी दी है। वे भाई-बहन संगीत बनाने, बोल लिखने, साज़ बजाने और गीत गाने जैसे कामों में सहयोग देते हैं। वे नम्र भाई-बहन अपना हुनर यहोवा की सेवा में लगाते हैं, पर इसका श्रेय खुद नहीं लेते।

 ब्रॉडकास्टिंग का कोई गाना कैसे तैयार किया जाता है? सबसे पहले शिक्षा-समिति तय करती है कि वह गाना बाइबल की किस आयत पर आधारित होगा और उसे सुनकर लोगों के दिल में कैसी भावनाएँ उठनी चाहिए। फिर संगीत टीम कुछ भाई-बहनों को धुन तैयार करने और बोल लिखने की ज़िम्मेदारी देती है। उसके बाद उस गाने की एक सैंपल रिकॉरडिंग तैयार की जाती है। शिक्षा-समिति वह रिकॉरडिंग सुनती है और फिर कुछ सुझाव देती है। इसके बाद संगीत टीम गाने में ज़रूरी फेरबदल करके उसकी फाइनल रिकॉर्डिंग तैयार करती है। इन गानों की रिकॉर्डिंग अलग-अलग जगहों पर की जाती है, कई बार तो शाखा दफ्तरों में और भाई-बहनों के घरों में बने स्टूडियो में भी।

 ब्रॉडकास्टिंग के गाने तैयार करने के लिए हमारे भाई-बहन कई तरह के कंप्यूटर प्रोग्राम इस्तेमाल करते हैं, जैसे डिजिटल ऑडियो वर्कस्टेशन, म्यूज़िक नोटेशन प्रोग्राम और ऑडियो लाइब्रेरी। इसके लिए उन्हें कुछ दूसरी चीज़ों की भी ज़रूरत पड़ती है, जैसे अलग-अलग तरह के साज़, मिक्सिंग कंसोल, ऐम्लिफायर, स्पीकर और माइक। एक माइक की कीमत करीब 7,500 रुपए (100 अमरीकी डॉलर) से लेकर करीब 75,000 रुपए (1,000 अमरीकी डॉलर) तक हो सकती है। सन्‌ 2020 में हमने संगीत रिकॉर्डिंग से जुड़ी चीज़ें खरीदने के लिए करीब 85,00,000 रुपए (1,16,000 अमरीकी डॉलर) खर्च किए।

 इस बात का बहुत ध्यान रखा जाता है कि दान के पैसों का सोच-समझकर इस्तेमाल किया जाए। बेथेल में एक बहुत बड़ी संगीत टीम बनाने के बजाय अलग-अलग जगहों से रिमोट वॉलंटियर भाई-बहनों की मदद ली जाती है। और एक जगह पर बहुत-से भाई-बहनों को संगीत की रिकॉर्डिंग के लिए इकट्ठा करने के बजाय, भाई अकसर अलग-अलग कंप्यूटर प्रोग्राम इस्तेमाल करते हैं। इस तरह वे कई साज़ों की आवाज़ निकालकर संगीत तैयार कर पाते हैं।

“इनसे मेरा विश्‍वास मज़बूत बना रहता है!”

 भाई-बहनों को ब्रॉडकास्टिंग के गाने सुनना बहुत अच्छा लगता है। जर्मनी में रहनेवाली तारा कहती है, “जब मुझे चिंता होती है, तो मैं ये गाने सुन लेती हूँ। इनसे मुझे बहुत सुकून मिलता है। अपनी भाषा में गाने सुनकर ऐसा लगता है जैसे यहोवा मुझे गले लगा रहा हो।” कज़ाकिस्तान में रहनेवाले भाई दिमित्री का कहना है, “ये गाने सुनते वक्‍त एक बात मुझे बड़ी अच्छी लगती है। मुझे यह चिंता नहीं होती कि ये बाइबल सिद्धांतों के हिसाब से हैं या नहीं। इन गानों से हमेशा अच्छी बातों पर मन लगाने का बढ़ावा मिलता है।”

 दक्षिण अफ्रीका की रहनेवाली डाइलीया बताती है कि उसे ब्रॉडकास्टिंग के गाने सुनकर कैसा लगता है। वह कहती है, “जब मैं बहुत उदास होती हूँ या किसी मुश्‍किल में होती हूँ, तो हमेशा कोई-न-कोई ऐसा गाना मिल जाता है जो मानो मेरे लिए ही लिखा गया हो। कई बार तो बस गानों की धुन सुनने से ही मूड अच्छा हो जाता है। इनसे मेरा विश्‍वास मज़बूत बना रहता है!”

 ब्रॉडकास्टिंग के कुछ गाने तो कई लोगों के मनपसंद हो गए हैं। दक्षिण अफ्रीका में रहनेवाली एक और बहन, लिराटो का कहना है, “जब मैं ‘बस चार कदम आगे’ और ‘जब दुनिया होगी नयी’ गाने सुनती हूँ, तो ऐसा लगता है कि मैं नयी दुनिया में पहुँच गयी हूँ और अपनी मम्मी से दोबारा मिल रही हूँ। जितनी बार भी मैं ये गाने सुनती हूँ, मुझे लगता है कि मम्मी अपनी बाहें फैलाएँ मेरी तरफ दौड़ती हुई आ रही हैं।”

 ब्रॉडकास्टिंग के एक गाने से श्रीलंका में रहनेवाली एक नौजवान बहन को बहुत मदद मिली। वह कहती है, “मेरी विज्ञान की टीचर ने पूरी क्लास के सामने मुझे बुरा-भला कहा, बस इसलिए कि मैं एक यहोवा की साक्षी हूँ। मैं बहुत डर गयी और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूँ। जब मैं घर आयी, तो मम्मी ने मुझसे कहा कि मैं ‘पढ़ो तो बढ़ो’ गाना सुनूँ। इसे सुनकर मुझे समझ में आया कि टीचर से बात करने के लिए मुझे थोड़ी खोजबीन और तैयारी करनी चाहिए। मैंने ऐसा ही किया, फिर अगले दिन मैंने टीचर से बात की। उन्होंने मेरी बात ध्यान से सुनी और कहा कि अब मैं समझी कि यहोवा के साक्षी जो मानते हैं, वह क्यों मानते हैं। मैं यहोवा के संगठन को शुक्रिया कहना चाहती हूँ कि उन्होंने हमारे लिए इतने अच्छे गाने तैयार किए हैं।”

 इन गानों को तैयार करने का खर्च कैसे उठाया जाता है? दुनिया-भर में हो रहे काम के लिए जो दान आता है, उससे ही इनका खर्च उठाया जाता है। दान करने के कई तरीके donate.isa4310.com पर बताए गए हैं। आप दिल खोलकर जो दान करते हैं, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!