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कहानी 57

परमेश्‍वर ने दाविद को चुना

परमेश्‍वर ने दाविद को चुना

क्या आप तसवीर देखकर बता सकते हैं कि यहाँ क्या हुआ है? जी हाँ, इस लड़के ने भेड़ के उस बच्चे को भालू से बचाया है। दरअसल, वह भालू इस भेड़ को उठा ले गया था। पर यह लड़का उसके पीछे भागा और भेड़ को भालू के मुँह से छुड़ा लिया। ऐसा करते वक्‍त जब भालू उस पर झपटा, तो उसने भालू को मार डाला! एक बार और उसने अपनी एक भेड़ को शेर से बचाया था। कितना बहादुर लड़का है यह, है ना? जानते हैं इसका नाम क्या है?

इसका नाम दाऊद है। आपको बोअज़ और रूत याद हैं? उनके एक बेटा पैदा हुआ था, जिसका नाम ओबेद रखा गया था। जब ओबेद बड़ा हो गया, तब उसके भी एक बेटा हुआ, जिसका नाम यिशै था। और यिशै का बेटा है, दाऊद। दाऊद तब पैदा हुआ जब शाऊल को राजा बने दस साल हो गए थे। दाऊद बेतलेहेम में रहता था और अपने पिता की भेड़ें चराता था।

एक दिन यहोवा ने शमूएल से कहा: ‘तुम थोड़ा-सा खुशबूदार तेल लेकर बेतलेहेम में यिशै के घर जाओ। मैंने उसके बेटों में से एक को राजा बनने के लिए चुना है।’ वहाँ पहुँचकर शमूएल ने जब यिशै के सबसे बड़े बेटे एलीआब को देखा, तो वह मन-ही-मन सोचने लगा: ‘ज़रूर इसी को यहोवा ने चुना होगा।’ लेकिन यहोवा ने उससे कहा: ‘उसके रंग-रूप पर मत जा। मैंने उसे राजा बनने के लिए नहीं चुना है।’

फिर यिशै अपने बेटे अबीनादाब को शमूएल के पास लाया। लेकिन शमूएल ने कहा: ‘नहीं, यहोवा ने इसे भी नहीं चुना है।’ फिर यिशै अपने बेटे शम्मा को लाया। पर शमूएल ने कहा: ‘नहीं, यहोवा ने इसे भी नहीं चुना है।’ इस तरह यिशै अपने सात बेटों को शमूएल के सामने लाया, लेकिन यहोवा ने उनमें से किसी को भी नहीं चुना। तब शमूएल ने पूछा: ‘क्या तेरे इतने ही बेटे हैं?’

यिशै ने कहा, ‘नहीं, सबसे छोटा लड़का बाकी है। लेकिन वह अभी मैदान में भेड़ें चरा रहा है।’ जब दाऊद को शमूएल के सामने लाया गया, तो शमूएल ने देखा कि वह बड़ा सुंदर है। तब यहोवा ने कहा: ‘यही है वह। इसी पर तेल उँडेल दो।’ शमूएल ने वैसा ही किया। लेकिन अभी दाऊद के राजा बनने का समय नहीं आया था।