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ईस्टर के बारे में बाइबल क्या कहती है?

ईस्टर के बारे में बाइबल क्या कहती है?

शास्त्र से जवाब

 बाइबल में कहीं नहीं कहा गया है कि हमें ईस्टर का त्योहार मनाना चाहिए। अगर आप इसका इतिहास देखें तो आप जानेंगे कि ईस्टर की शुरूआत कैसे हुई। यह त्योहार पुराने ज़माने की प्रजनन की परंपराओं से जुड़ा है। नीचे दी कुछ बातों पर गौर कीजिए।

  1.   नाम: इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका  कहती है: “अँग्रेज़ी नाम ईस्टर कहाँ से आया है, इस बारे में ठीक-ठीक नहीं पता; आठवीं सदी में पश्‍चिमी यूरोप के पुजारी बेदे के मुताबिक यह नाम वसंत की देवी, इयोस्ट्रा से लिया गया था।” दूसरी किताबों में इसे फीनीके की प्रजनन देवी अस्तारते के नाम के साथ जोड़ा गया है। ऐसी ही एक देवी को बैबिलोन में पूजा जाता था जिसका नाम इशतर था।

  2.   खरगोश: ये प्रजनन के प्रतीक हैं, “जिन्हें यूरोप और मध्य पूर्वी इलाकों में वसंत ऋतु के दौरान होनेवाले गैर-ईसाई धर्मों के त्योहारों के पुराने रस्मों-रिवाज़ों और प्रतीकों से लिया गया है।”​—इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका।

  3.   अंडे: फंक और वैगनॉल्स स्टैंडर्ड डिक्शनरी ऑफ फोकलोर, मिथॉलॉजी एण्ड लेजेंड  के मुताबिक माना जाता है कि ईस्टर के अंडे ईस्टर के खरगोश लाते हैं। इन अंडों को ढूँढ़ने की प्रथा, “असल में बच्चों का खेल नहीं है, बल्कि प्रजनन क्षमता से जुड़ी एक धार्मिक प्रथा है।” कुछ समुदाय मानते थे कि सजा हुआ ईस्टर का अंडा “जादुई तरीके से खुशियाँ, समृद्धि, सेहत और सुरक्षा ला सकता है।”​—ट्रेडीशनल फेस्टिवल्स।

  4.   ईस्टर में नए कपड़े: “स्कैंडिनेविया की वसंत की देवी या ईस्ट्र का स्वागत नए कपड़ों में न करना असभ्य और अशुभ माना जाता था।”​—द जाएन्ट बुक ऑफ सुपरस्टिशियन्स।

  5.   सूरज उगने के समय की रस्में: ये रस्में उन प्रथाओं से जुड़ी होती हैं, जो पुराने ज़माने में सूरज की पूजा करनेवाले मानते थे। दरअसल वे लोग ये प्रथाएँ ‘वसंत ऋतु की शुरूआत में सूरज का स्वागत करने और उसकी महाशक्‍ति की महिमा करने के लिए मानते थे। उनका विश्‍वास था कि सूरज, उगनेवाली सभी चीज़ों में मानो नयी जान डाल देता है।’​—सलिब्रेशन्स—द कमप्लीट बुक ऑफ अमेरिकन हॉलिडेज़।

 ईस्टर की शुरूआत के बारे में दी अमेरिकन बुक ऑफ डेज़  किताब साफ बताती है, “इसमें कोई शक नहीं कि अपने शुरूआती दिनों में चर्च ने पुराने और झूठे रीति-रिवाज़ों को अपनाकर इस तरह पेश किया मानो वे मसीही शिक्षाओं का हिस्सा हैं।”

 बाइबल चेतावनी देती है कि हमें परमेश्‍वर की उपासना में ऐसी परंपराओं या रीति-रिवाज़ों को शामिल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनसे परमेश्‍वर खुश नहीं होता। (मरकुस 7:6-8) दूसरा कुरिंथियों 6:17 में लिखा है, “यहोवा कहता है, ‘. . . खुद को उनसे अलग करो और अशुद्ध चीज़ को छूना बंद करो।’” ईस्टर गैर-ईसाइयों का त्योहार है और जो लोग परमेश्‍वर को खुश करना चाहते हैं वे इनसे दूर रहेंगे।