मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 14:1-36
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
राजा हेरोदेस: यानी हेरोदेस महान का बेटा हेरोदेस अन्तिपास। (शब्दावली में “हेरोदेस” देखें।) मत्ती और लूका ने अन्तिपास के लिए रोमी सरकार से मिली उपाधि “तित्रअर्खेस” यानी “ज़िला-शासक” इस्तेमाल की। (मत 14:1; लूक 3:1 के अध्ययन नोट देखें।) अन्तिपास को गलील और पेरिया पर शासन करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन वह “राजा” के तौर पर ज़्यादा मशहूर था। हेरोदेस के लिए यह उपाधि यानी “राजा” मत्ती ने एक बार (मत 14:9) और मरकुस ने हमेशा इस्तेमाल की।—मर 6:22, 25, 26, 27.
ज़िला-शासक: शा., “तित्रअर्खेस” (मतलब, किसी प्रांत के “चौथाई हिस्से का शासक”)। यह उपाधि एक छोटे ज़िला-शासक या एक इलाके के हाकिम को दी जाती थी, जो रोमी अधिकारियों की मंज़ूरी से ही शासन करता था। हेरोदेस अन्तिपास को गलील और पेरिया पर शासन करने का अधिकार दिया गया था।—मर 6:14 के अध्ययन नोट से तुलना करें।
हेरोदेस: यानी हेरोदेस महान का बेटा हेरोदेस अन्तिपास।—शब्दावली देखें।
बपतिस्मा देनेवाला: या “डुबकी लगवानेवाला।” ज़ाहिर है कि यह यूहन्ना का एक उपनाम बन गया था, जिससे पता चलता है कि वह ही पानी में डुबकी लगवाकर बपतिस्मा देता था। यहूदी इतिहासकार फ्लेवियस जोसीफस ने लिखा: “यूहन्ना जिसका उपनाम था बपतिस्मा देनेवाला।”
यूहन्ना: इब्रानी में यहोहानान या योहानान। इस नाम का मतलब है, “यहोवा ने मदद की; यहोवा ने कृपा की।”
बपतिस्मा देनेवाला यूहन्ना: मत 3:1 का अध्ययन नोट देखें।
हेरोदेस: यानी हेरोदेस अन्तिपास।—शब्दावली देखें।
अपने भाई फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास: हेरोदेस अन्तिपास हेरोदियास पर फिदा हो गया था, जो उसके भाई हेरोदेस फिलिप्पुस की पत्नी थी। हेरोदियास ने अपने पति को और हेरोदेस ने अपनी पत्नी को तलाक देकर एक-दूसरे से शादी कर ली। ऐसा करना यहूदी कानून के खिलाफ था। जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने उनके रिश्ते को गलत कहा तो हेरोदेस ने उसे गिरफ्तार करवा दिया।
यूहन्ना को गिरफ्तार कर लिया था और . . . जेल में डलवा दिया था: बाइबल यह नहीं बताती कि यूहन्ना को गिरफ्तार करके कहाँ बंदी बनाया गया था। जोसीफस का कहना है कि उसे मैक्यूरस के किले में बंदी बनाकर रखा गया और वहीं उसकी हत्या कर दी गयी। मैक्यूरस, मृत सागर के पूर्वी तट पर था। हो सकता है यूहन्ना कुछ समय उसी जेल में रहा हो। (मत 4:12) लेकिन काफी हद तक मुमकिन है कि जब यूहन्ना का कत्ल किया गया तब वह तिबिरियास में था। यह शहर गलील झील के पश्चिमी तट पर था। ऐसा मानने की दो वजह हैं: (1) मालूम होता है कि गलील के जिस इलाके में यीशु प्रचार कर रहा था, उसके पास ही कहीं यूहन्ना जेल में था। यूहन्ना ने यीशु के कामों की चर्चा सुनी और जेल से ही अपने चेलों को यीशु से बात करने के लिए भेजा। (मत 11:1-3) (2) मरकुस कहता है कि हेरोदेस के जन्मदिन पर ‘गलील के जाने-माने लोग’ मौजूद थे। इससे पता चलता है कि यह दावत तिबिरियास में हेरोदेस के महल में रखी गयी थी। ज़ाहिर है कि जहाँ दावत रखी गयी थी उसी जगह के पास यूहन्ना जेल में रहा होगा।—मर 6:21-29; मत 14:6-11.
हेरोदेस का जन्मदिन: यह शायद गलील झील के पश्चिमी तट पर बसे तिबिरियास शहर में हेरोदेस अन्तिपास के महल में मनाया गया था। ऐसा मानने की एक वजह यह है कि इस आयत में मरकुस कहता है कि हेरोदेस के जन्मदिन पर गलील के जाने-माने लोग मौजूद थे। (मत 14:3, 6 के अध्ययन नोट देखें।) बाइबल में सिर्फ दो जन्मदिनों का ज़िक्र है। एक यह जन्मदिन, जिसमें यूहन्ना का सिर कटवा दिया गया और दूसरा मिस्र के फिरौन का, जिसमें प्रधान रसोइए को मार डाला गया। (उत 40:18-22) इन दोनों मौकों पर एक जैसी घटनाएँ घटीं: एक बड़ी दावत रखी गयी और कुछ लोगों पर मेहरबानी की गयी। साथ ही, ये दोनों जन्मदिन हत्या के लिए जाने जाते हैं।
यूहन्ना को गिरफ्तार कर लिया था और . . . जेल में डलवा दिया था: बाइबल यह नहीं बताती कि यूहन्ना को गिरफ्तार करके कहाँ बंदी बनाया गया था। जोसीफस का कहना है कि उसे मैक्यूरस के किले में बंदी बनाकर रखा गया और वहीं उसकी हत्या कर दी गयी। मैक्यूरस, मृत सागर के पूर्वी तट पर था। हो सकता है यूहन्ना कुछ समय उसी जेल में रहा हो। (मत 4:12) लेकिन काफी हद तक मुमकिन है कि जब यूहन्ना का कत्ल किया गया तब वह तिबिरियास में था। यह शहर गलील झील के पश्चिमी तट पर था। ऐसा मानने की दो वजह हैं: (1) मालूम होता है कि गलील के जिस इलाके में यीशु प्रचार कर रहा था, उसके पास ही कहीं यूहन्ना जेल में था। यूहन्ना ने यीशु के कामों की चर्चा सुनी और जेल से ही अपने चेलों को यीशु से बात करने के लिए भेजा। (मत 11:1-3) (2) मरकुस कहता है कि हेरोदेस के जन्मदिन पर ‘गलील के जाने-माने लोग’ मौजूद थे। इससे पता चलता है कि यह दावत तिबिरियास में हेरोदेस के महल में रखी गयी थी। ज़ाहिर है कि जहाँ दावत रखी गयी थी उसी जगह के पास यूहन्ना जेल में रहा होगा।—मर 6:21-29; मत 14:6-11.
जन्मदिन: यह शायद तिबिरियास में हेरोदेस अन्तिपास के महल में मनाया गया था। (मत 14:3; मर 6:21 के अध्ययन नोट देखें।) बाइबल में सिर्फ दो जन्मदिनों का ज़िक्र है। एक यह जन्मदिन, जिसमें यूहन्ना का सिर कटवा दिया गया और दूसरा मिस्र के फिरौन का, जिसमें प्रधान रसोइए को मार डाला गया। (उत 40:18-22) इन दोनों मौकों पर एक जैसी घटनाएँ घटीं: एक बड़ी दावत रखी गयी और कुछ लोगों पर मेहरबानी की गयी। साथ ही, ये दोनों जन्मदिन हत्या के लिए जाने जाते हैं।
राजा: रोमी सरकार ने हेरोदेस अन्तिपास को “तित्रअर्खेस” उपाधि दी थी, जैसे मत 14:1 के अध्ययन नोट से पता चलता है। लेकिन वह “राजा” के तौर पर मशहूर था।
उसने जो कसमें खायी थीं: शब्द “कसमें” (जबकि मत 14:7 में एकवचन इस्तेमाल हुआ है) का मतलब हो सकता है कि हेरोदेस ने अपना वादा पुख्ता करने के लिए बार-बार कसमें खायी हों।
ज़िला-शासक: शा., “तित्रअर्खेस” (मतलब, किसी प्रांत के “चौथाई हिस्से का शासक”)। यह उपाधि एक छोटे ज़िला-शासक या एक इलाके के हाकिम को दी जाती थी, जो रोमी अधिकारियों की मंज़ूरी से ही शासन करता था। हेरोदेस अन्तिपास को गलील और पेरिया पर शासन करने का अधिकार दिया गया था।—मर 6:14 के अध्ययन नोट से तुलना करें।
तड़प उठा: या “करुणा महसूस की।”—मत 9:36 का अध्ययन नोट देखें।
तड़प उठा: इन शब्दों के लिए यूनानी क्रिया स्प्लैगख्नी-ज़ोमाइ इस्तेमाल हुई है, जो यूनानी शब्द स्प्लैगख्ना (मतलब “अंतड़ियों”) से संबंधित है। इसका मतलब एक ऐसी भावना है जो दिल की गहराइयों से उठती है। यूनानी में यह शब्द गहरी और कोमल करुणा के लिए इस्तेमाल होता है।
तुम्हीं उन्हें कुछ खाने को दो: यही एक चमत्कार है जिसके बारे में खुशखबरी की चारों किताबों में बताया गया है।—मत 14:15-21; मर 6:35-44; लूक 9:10-17; यूह 6:1-13.
मछलियों: बाइबल के ज़माने में मछलियों को आम तौर पर आग में सेंका जाता था या नमक लगाकर सुखाया जाता था। अकसर इन्हें रोटी के साथ खाया जाता था। यीशु ने शायद नमक लगी हुई सूखी मछलियाँ इस्तेमाल कीं।
रोटियाँ तोड़कर: अकसर ये रोटियाँ मोटी और फूली हुई होती थीं। इन्हें तंदूर में सेंककर सख्त बनाया जाता था। इसलिए इन्हें तोड़कर खाया जाता था।—मत 15:36; 26:26; मर 6:41; 8:6; लूक 9:16.
टोकरियाँ: यीशु ने चमत्कार करके दो मौकों पर जब भीड़ को खाना खिलाया तो एक बार बचा हुआ खाना टोकरियों में इकट्ठा किया गया और दूसरी बार बड़े टोकरों में। इन ब्यौरों का ज़िक्र करते समय मत्ती और मरकुस ने हर बार यह फर्क साफ-साफ बताया। (मत 14:20; 15:37; 16:10 के अध्ययन नोट और मर 6:43; 8:8, 19, 20 में यही ब्यौरे देखें।) करीब 5,000 लोगों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द कोफिनोस (“टोकरियों”) इस्तेमाल हुआ और करीब 4,000 लोगों को खाना खिलानेवाले ब्यौरे में यूनानी शब्द स्फिरिस (“बड़े टोकरे”) इस्तेमाल हुआ। इससे पता चलता है कि इन चमत्कारों के दौरान या तो लेखक खुद मौजूद थे या भरोसेमंद चश्मदीद गवाहों ने उन्हें यह जानकारी दी।
टोकरियाँ: ये शायद खपच्चियों से बनी होती थीं और इनमें डोरी लगी होती थी ताकि लोग इन्हें लटकाकर सफर में ले जा सकें। माना जाता है कि इनका आयतन करीब 7.5 ली. था।—मत 16:9, 10 के अध्ययन नोट देखें।
टोकरे: या “बड़े टोकरे।”—मत 15:37; 16:9 के अध्ययन नोट देखें।
उनके अलावा औरतें और बच्चे भी थे: इस चमत्कार के बारे में बताते समय सिर्फ मत्ती ने औरतों और बच्चों का ज़िक्र किया। मुमकिन है कि चमत्कार से जिन लोगों को खाना खिलाया गया उनकी गिनती 15,000 से ज़्यादा रही होगी।
कुछ किलोमीटर: शा., “कई स्तादिया।” एक स्तादियौन 185 मी. (606.95 फुट) के बराबर था, यानी 1/8 रोमी मील।
चौथे पहर: यानी सुबह करीब 3 बजे से 6 बजे तक जब सूरज उगता है। यूनानियों और रोमियों के मुताबिक, रात को चार पहरों में बाँटा जाता था। पहले इब्री लोग रात को तीन पहरों में बाँटते थे और हर पहर करीब चार घंटे का होता था। (निर्ग 14:24; न्या 7:19) लेकिन यीशु के दिनों तक इस मामले में उन्होंने रोमी तरीका अपना लिया था।
उसके सामने गिरकर: या “उसे दंडवत करके; उसका सम्मान करके।” जब यूनानी क्रिया प्रोस्किनीयो किसी देवता या ईश्वर की पूजा के संबंध में इस्तेमाल हुई है तो उसका अनुवाद “उपासना” किया गया है। लेकिन यहाँ यह क्रिया दिखाती है कि एक दास अपने अधिकारी का आदर कर रहा है और उसके अधीन है।—मत 2:2; 8:2 के अध्ययन नोट देखें।
उसे झुककर प्रणाम किया: या “उसे दंडवत किया; उसका सम्मान किया।” ये लोग समझ गए कि यीशु, परमेश्वर का प्रतिनिधि है। उन्होंने उसे इसलिए झुककर प्रणाम किया कि वह “परमेश्वर का बेटा” है, न कि कोई ईश्वर या देवता।—मत 2:2; 8:2; 18:26 के अध्ययन नोट देखें।
झुककर उसे प्रणाम किया: या “उसे दंडवत किया; उसका आदर किया।” इब्रानी शास्त्र में बताए लोग भी जब भविष्यवक्ता, राजा या परमेश्वर के दूसरे प्रतिनिधियों से मिलते थे तो वे झुककर उन्हें प्रणाम करते थे। (1शम 25:23, 24; 2शम 14:4-7; 1रा 1:16; 2रा 4:36, 37) ज़ाहिर है कि यह कोढ़ी आदमी समझ गया कि वह परमेश्वर के प्रतिनिधि से बात कर रहा है, जिसमें लोगों को ठीक करने की ताकत है। इसलिए जब उसने यहोवा के ठहराए राजा का आदर करने के लिए झुककर प्रणाम किया तो उसने सही किया।—मत 9:18; यहाँ इस्तेमाल हुए यूनानी शब्द के बारे में ज़्यादा जानने के लिए मत 2:2 का अध्ययन नोट देखें।
दंडवत करने: या “झुककर प्रणाम करने।” जब यूनानी क्रिया प्रोस्किनीयो किसी देवता या ईश्वर की पूजा के संबंध में इस्तेमाल हुई है तो उसका अनुवाद “उपासना” किया गया है और जब इंसानों को आदर देने के संबंध में हुई है तो उसका अनुवाद “दंडवत करना” या “झुककर प्रणाम करना” किया गया है। इस आयत में ज्योतिषियों ने पूछा, “यहूदियों का जो राजा पैदा हुआ है, वह कहाँ है?” इससे पता चलता है कि यहाँ किसी ईश्वर को नहीं बल्कि इंसानी राजा को दंडवत करने की बात की गयी है। कुछ ऐसा ही मतलब देने के लिए मर 15:18, 19 में यही यूनानी शब्द इस्तेमाल किया गया था। इन आयतों में बताया गया है कि सैनिकों ने यीशु का मज़ाक उड़ाने के इरादे से उसे “झुककर प्रणाम” किया और ‘यहूदियों का राजा’ पुकारा।—मत 18:26 का अध्ययन नोट देखें।
गन्नेसरत: एक छोटा मैदानी इलाका, जिसकी लंबाई करीब 5 कि.मी. (3 मील) और चौड़ाई करीब 2.5 कि.मी. (1.5 मील) थी। इसकी एक सीमा गलील झील के उत्तरी-पश्चिमी किनारे पर थी। लूक 5:1 में गलील झील को “गन्नेसरत झील” कहा गया है।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
यहाँ जिस सिक्के को दोनों तरफ से दिखाया गया है वह ताँबे और दूसरी धातुओं से मिलकर बना है। यह सिक्का करीब उस समय ढाला गया था जब यीशु प्रचार कर रहा था। यह सिक्का हेरोदेस अन्तिपास ने चलवाया था, जो गलील और पेरिया का तित्रअर्खेस यानी ज़िला-शासक था। एक बार जब फरीसियों ने यीशु को बताया कि हेरोदेस उसे मार डालना चाहता है, तो उस वक्त यीशु शायद हेरोदेस के शासन-क्षेत्र पेरिया से होकर यरूशलेम जा रहा था। यह सुनकर यीशु ने हेरोदेस को “उस लोमड़ी” कहा। (लूक 13:32 का अध्ययन नोट देखें।) हेरोदेस की ज़्यादातर प्रजा यहूदी थी और वे सिक्कों को देखकर न चिढ़ें, इसलिए उसने ऐसे सिक्के ढलवाए जिन पर खजूर की डाली (1) और पत्तों का ताज (2) बना होता था।
तसवीर में गलील झील और उसके पास का मैदान दिखाया गया है। माना जाता है कि यहीं पर यीशु ने करीब 5,000 आदमियों के साथ-साथ औरतों और बच्चों को खाना खिलाया था।
इसराएल में मछलियों की कई प्रजातियाँ पायी जाती हैं, उनमें से कुछ हैं, ब्रीम, कार्प, पर्च और तिलापिया। आम तौर पर मछलियों को आग में सेंका जाता था या नमक लगाकर सुखाया जाता था। गेहूँ या जौ के आटे की रोटी हर दिन बनायी जाती थी और आटा भी हर दिन पीसा जाता था। अकसर बिन-खमीर की रोटी (इब्रानी में मात्स्-सा ) बनायी जाती थी।
बाइबल में अलग-अलग तरह की टोकरियों के लिए अलग-अलग शब्द इस्तेमाल हुए हैं। जब यीशु ने करीब 5,000 आदमियों को खाना खिलाया, तो बचा हुआ खाना 12 टोकरियों में इकट्ठा किया गया। इन टोकरियों के लिए जो यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है, उसका मतलब हाथ से उठायी जानेवाली छोटी टोकरियाँ हो सकता है। लेकिन जब यीशु ने करीब 4,000 लोगों को खाना खिलाया था, तो जिन सात टोकरों में बचा हुआ खाना रखा गया, उनके लिए एक अलग यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है, जिसका मतलब है, बड़े टोकरे। (मर 8:8, 9) यही यूनानी शब्द उस टोकरे के लिए इस्तेमाल हुआ, जिसमें पौलुस को बिठाकर दमिश्क की शहरपनाह से नीचे उतारा गया था।—प्रेष 9:25.