निर्गमन 24:1-18
24 फिर उसने मूसा से कहा, “तू अपने साथ हारून, नादाब और अबीहू+ और इसराएल के मुखियाओं में से 70 आदमियों को लेकर पहाड़ पर जा और तुम लोग कुछ दूर खड़े रहकर यहोवा को दंडवत करना।
2 फिर मूसा अकेला ही यहोवा के पास जाए, मगर वे आदमी न जाएँ। और बाकी लोग भी मूसा के साथ न जाएँ।”+
3 इसके बाद मूसा ने आकर लोगों को वे सारी बातें बतायीं जो यहोवा ने कही थीं और सारे न्याय-सिद्धांत सुनाए।+ तब सब लोगों ने एकमत होकर कहा, “यहोवा ने जो-जो कहा है, वह सब करना हमें मंज़ूर है।”+
4 फिर मूसा ने वे सारी बातें लिख डालीं जो यहोवा ने उससे कही थीं।+ फिर वह सुबह तड़के उठा और उसने पहाड़ के नीचे एक वेदी बनायी और इसराएल के 12 गोत्रों के लिए यादगार के तौर पर 12 पत्थर खड़े किए।
5 इसके बाद उसने कुछ जवान इसराएली आदमियों को भेजा और उन्होंने यहोवा के लिए होम-बलियाँ चढ़ायीं और बैलों की शांति-बलि अर्पित की।+
6 फिर मूसा ने उन जानवरों के खून में से आधा खून लेकर कटोरों में डाला और आधा खून वेदी पर छिड़क दिया।
7 तब मूसा ने करार की किताब ली और उसे लोगों के सामने पढ़कर सुनाया।+ उन्होंने कहा, “यहोवा ने जो-जो कहा है, वह सब हम करेंगे और उसकी हर आज्ञा मानेंगे।”+
8 तब मूसा ने वह खून लेकर लोगों पर छिड़का+ और कहा, “तुमने इस किताब में लिखी बातों को मानने की हामी भरी है इसलिए देखो, यहोवा ने तुम्हारे साथ जो करार किया है उसे यह खून पक्का करता है।”+
9 फिर मूसा और हारून, नादाब और अबीहू और इसराएल के मुखियाओं में से 70 आदमी पहाड़ पर गए।
10 वहाँ उन्होंने इसराएल के परमेश्वर को देखा।+ उसके पैरों के नीचे नीलम के फर्श जैसा कुछ दिखायी दिया, जो स्वर्ग-सा शुद्ध और निर्मल था।+
11 परमेश्वर ने उन खास आदमियों को कुछ नहीं किया+ और उन्होंने सच्चे परमेश्वर का एक दर्शन देखा और खाया-पीया।
12 यहोवा ने अब मूसा से कहा, “तू यहाँ पहाड़ के ऊपर मेरे पास आ और यहीं रह। मैं तुझे पत्थर की पटियाएँ दूँगा जिन पर मैं अपना कानून और अपनी आज्ञाएँ लिखूँगा ताकि ये लोगों को सिखायी जाएँ।”+
13 तब मूसा अपने सेवक यहोशू के साथ गया+ और मूसा सच्चे परमेश्वर के पहाड़ के ऊपर चढ़ा।+
14 मूसा ने इसराएल के मुखियाओं से कहा था, “जब तक हम दोनों लौटकर नहीं आते, तुम सब यहीं हमारा इंतज़ार करना।+ हारून और हूर+ तुम्हारे साथ रहेंगे। अगर किसी का कोई मुकदमा हो तो वह उन दोनों के पास जाए।”+
15 फिर मूसा पहाड़ के ऊपर चढ़ा जिसकी चोटी बादल से ढकी हुई थी।+
16 यहोवा की महिमा का तेज+ सीनै पहाड़+ पर बना रहा और छ: दिन तक पहाड़ बादल से ढका रहा। फिर सातवें दिन परमेश्वर ने बादल में से मूसा को पुकारा।
17 पहाड़ के नीचे जो इसराएली देख रहे थे, उन्हें यहोवा की महिमा का तेज ऐसा दिखायी दे रहा था मानो पहाड़ की चोटी पर आग धधक रही हो।
18 फिर मूसा बादल के अंदर गया और पहाड़ पर चढ़ा।+ वह 40 दिन और 40 रात वहीं पहाड़ पर रहा।+