परमेश्वर के करीब आइए
यहोवा “भेदभाव नहीं करता”
क्या आप कभी भेदभाव के शिकार हुए हैं? हो सकता है आपके रंग-रूप, जाति या ओहदे की वजह से आपकी दरखास्त नामंज़ूर की गयी हो, आपकी गुज़ारिश खारिज कर दी गयी हो या आपके साथ कोई बेरुखी से पेश आया हो। अगर आपके साथ ऐसा हुआ है, तो यकीन मानिए दूसरों के साथ भी ऐसा हुआ है। हालाँकि आज धरती के हर कोने में भेदभाव नज़र आता है, मगर स्वर्ग में ऐसा नहीं है। जैसा कि प्रेषित पतरस ने पूरे यकीन के साथ कहा, “परमेश्वर भेदभाव नहीं करता।”—प्रेषितों 10:34, 35 पढ़िए।
पतरस ने जिन हालात में ये शब्द कहे थे, वे गौरतलब हैं। उस वक्त वह कुरनेलियुस नाम के एक गैर-यहूदी के घर में था। पतरस का जन्म एक यहूदी परिवार में हुआ था और उस ज़माने में यहूदी, गैर-यहूदियों से नफरत करते थे और उनके साथ संगति पसंद नहीं करते थे। तो फिर पतरस कुरनेलियुस के घर क्यों गया था? क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने इसका इंतज़ाम किया था। परमेश्वर ने पतरस को एक दर्शन दिखाया और कहा: “तू उन चीज़ों को दूषित कहना बंद कर जिन्हें परमेश्वर [मैं] ने शुद्ध किया है।” कुरनेलियुस के घर जाने से पहले पतरस इस बात से बेखबर था कि परमेश्वर ने कुरनेलियुस को भी एक दर्शन दिया था। दर्शन में यहोवा ने स्वर्गदूत के ज़रिए कुरनेलियुस से कहा कि वह पतरस को अपने घर बुलाए। (प्रेषितों 10:1-15) इसलिए जब पतरस को पता चला कि इन सबके पीछे यहोवा का हाथ है, तो वह ऊपर कहे शब्दों को बोले बगैर न रह सका।
पतरस ने पूरे विश्वास के साथ कहा: “अब मुझे पूरा यकीन हो गया है कि परमेश्वर भेदभाव नहीं करता।” (प्रेषितों 10:34) जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “भेदभाव” किया गया है उसका शाब्दिक अर्थ है, “चेहरा देखकर” दूसरों से पेश आना। (द किंगडम इंटरलीनियर ट्रांस्लेशन ऑफ द ग्रीक स्क्रिप्चर्स) इस शब्द के बारे में समझाते हुए एक विद्वान कहता है: “इस शब्द से एक ऐसे न्यायाधीश की तसवीर सामने आती है जो एक इंसान यानी मुजरिम के रंग-रूप को देखकर फैसला सुनाता है। वह मुजरिम के बारे में पेश की गयी बातों को ध्यान में रखकर फैसला सुनाने के बजाय, खुद की पसंद और नापसंद के मुताबिक फैसला सुनाता है।” मगर परमेश्वर ऐसा नहीं करता। वह एक व्यक्ति को उसकी जाति, राष्ट्र या समाज में उसके ओहदे की वजह से दूसरों से नीचा नहीं समझता।
इसके बजाय, यहोवा यह देखता है कि एक व्यक्ति के मन में क्या है। (1 शमूएल 16:7; नीतिवचन 21:2) पतरस ने आगे कहा: “हर ऐसा इंसान जो उसका भय मानता है और नेक काम करता है, फिर चाहे वह किसी भी जाति का क्यों न हो, वह परमेश्वर को भाता है।” (प्रेषितों 10:35) परमेश्वर का भय मानने का मतलब है उसका आदर करना, उसकी महिमा करना, उस पर भरोसा रखना और ऐसा कोई काम न करना, जो उसे पसंद नहीं है। और नेक काम में ऐसे काम करना शामिल है जो परमेश्वर की नज़र में सही है, जिसे हम खुशी-खुशी करते हैं। यहोवा ऐसे इंसान से खुश होता है जिसके दिल में उसके लिए भय है, और इससे उभारे जाकर वह सही काम करता है।—व्यवस्थाविवरण 10:12, 13.
जब यहोवा स्वर्ग से धरती की ओर देखता है तो उसे एक ही जाति दिखती है, वह है मनुष्य जाति
अगर आप अन्याय या भेदभाव के शिकार हुए हैं, तो परमेश्वर के बारे में कहे पतरस के शब्दों से हिम्मत पाइए। यहोवा हर जाति के लोगों को सच्ची उपासना की ओर खींच रहा है। (यूहन्ना 6:44; प्रेषितों 17:26, 27) वह अपने उपासकों की प्रार्थनाओं को सुनता और उनका जवाब देता है, फिर चाहे वह किसी भी जाति, राष्ट्र या समाज में कोई भी ओहदा रखते हों। (1 राजा 8:41-43) हम इस बात का पूरा यकीन रख सकते हैं कि जब यहोवा स्वर्ग से धरती की ओर देखता है, तो उसे एक ही जाति दिखायी देती है, वह है मनुष्य जाति। क्या आप ऐसे परमेश्वर के बारे में और ज़्यादा नहीं जानना चाहेंगे? ▪ (w13-E 06/01)
सितंबर की बाइबल पढ़ाई