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गलत कामों के लिए लुभाए जाने पर मैं उसका विरोध कैसे कर सकता हूँ?

गलत कामों के लिए लुभाए जाने पर मैं उसका विरोध कैसे कर सकता हूँ?

युवा लोग पूछते हैं

गलत कामों के लिए लुभाए जाने पर मैं उसका विरोध कैसे कर सकता हूँ?

केरन को अभी पार्टी में आए दस मिनट भी नहीं हुए कि उसने दो लड़कों को बड़े-बड़े पैकेट लाते देखा। इन पैकेटों में क्या है, यह सभी को मालूम है। केरन ने कुछ ही दिनों पहले इन्हीं लड़कों को यह कहते सुना था कि इस पार्टी में “शराब की कोई कमी न होगी।” बेशक, केरन ने इस बारे में अपने मम्मी-पापा को कुछ नहीं बताया। उसने सोचा कि लड़कों ने यह बात सिर्फ मज़ाक में कही होगी।

वैसे, पार्टी में कोई-न-कोई बड़ा ज़रूर होगा। तभी अचानक, केरन को एक जानी-पहचानी आवाज़ सुनायी देती है। “अरे, तुम वहाँ खड़े-खड़े क्या कर रही हो? पार्टी का सारा मज़ा किरकिरा करने का इरादा है क्या?” इस पर केरन जैसे ही पीछे मुड़ती है, वह देखती है कि उसकी सहेली जेसिका अपने हाथों में दो बियर की बोतलें लिए खड़ी है। जेसिका एक बोतल केरन की ओर बढ़ाते हुए कहती है: “अब ये मत कहना कि तुम इसके लिए अभी बच्ची हो।”

केरन मना करना चाहती है। लेकिन दबाव इतना ज़बरदस्त है कि वह मना नहीं कर पाती और बोतल हाथ में ले लेती है। ऐसी बात नहीं है कि शराब पीने का केरन का मन कर रहा है। दरअसल, वह नहीं चाहती कि उसकी सहेली यह समझे कि वह वाकई पार्टी का मज़ा किरकिरा करनेवाली है, जैसे उसने पहले ताना मारा था। केरन मन-ही-मन सोचती है: ‘जेसिका तो एक अच्छी लड़की है। और जब वह बियर पी सकती है, तो मैं क्यों नहीं? वैसे भी यह तो बस बियर है। मैं थोड़ी ना ड्रग्स ले रही हूँ या कोई अनैतिक काम कर रही हूँ।’

जवानों को कई तरीकों से गलत कामों के लिए लुभाया जाता है। इनमें से एक है, विपरीत लिंग के व्यक्‍ति का सेक्स के लिए दबाव डालना। 17 साल का रमन * कहता है: “स्कूल की लड़कियाँ काफी ज़ोर-ज़बरदस्ती करती हैं। वे अकसर लड़कों से छेड़-छाड़ करती हैं और आज़माती है कि वे उन्हें किस हद तक जाने की इजाज़त देंगे। आप चाहे लाख मना करें तब भी वे नहीं मानतीं।” 17 साल की दीपा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वह कहती है: “एक दिन, एक लड़का आया और मुझपर अपनी बाहें डालने लगा। मैंने उसके हाथ पर ज़ोर से घूँसा मारा और उससे कहा, ‘तुम्हारी यह जुर्रत? तुम हो कौन?’”

हो सकता है आपको भी ऐसे हालात का सामना करना पड़े, जिनमें आपको गलत कामों के लिए लुभाया जाए। कभी-कभी तो ऐसी आज़माइशें एक बार नहीं, दो बार नहीं, बल्कि लगातार आती हैं। जैसे एक मसीही ने बताया: “लुभाया जाना ऐसा है मानो कोई आपके दरवाज़े पर लगातार खटखटा रहा हो। आप उसे अनसुना करने की कोशिश करते हैं, फिर भी उसका खटखटाना जारी रहता है।” क्या आपको भी कई बार गलत कामों के लिए लुभाया जाता है? उदाहरण के लिए, क्या इनमें से किसी भी काम को करने के लिए आपका दिल मचलता है?

❑ सिगरेट पीने के लिए

❑ शराब पीने के लिए

❑ ड्रग्स लेने के लिए

❑ पोर्नोग्राफी देखने के लिए

❑ अनैतिक कामों के लिए

❑ दूसरे कामों के लिए

अगर इनमें से किसी काम को करने के लिए आपका दिल मचलता है, तो यह मत सोचिए कि आप मसीही बनने के लायक नहीं हैं। आप अपनी गलत इच्छाओं पर काबू पाना और गलत कामों के लिए लुभाए जाने पर उसका विरोध करना सीख सकते हैं। कैसे? पहले, आपको यह जानने की ज़रूरत है कि ऐसी आज़माइशों के पीछे क्या वजह है। आइए, तीन बातों पर गौर करें।

1. असिद्धता। हम सभी इंसान असिद्ध हैं, इसलिए हममें गलत काम करने का रुझान होता है। यहाँ तक कि एक समझदार मसीही, प्रेरित पौलुस ने भी कबूल किया: “मैं जब अच्छा करना चाहता हूँ, तो अपने में बुराई को ही पाता हूँ।” (रोमियों 7:21, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) इससे साफ ज़ाहिर है कि एक अच्छे इंसान में भी कभी-कभार “शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा” पनप सकती है। (1 यूहन्‍ना 2:16) लेकिन अगर हम इन अभिलाषाओं के बारे में सोचते रहें, तो इससे एक खतरा पैदा हो सकता है। बाइबल कहती है: ‘अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है।’—याकूब 1:15.

2. बाहरी दबाव। आजकल गलत काम करने का दबाव हर तरफ से आता हैं। तरुणा कहती है: “चाहे स्कूल हो या काम की जगह, लोग हर समय सेक्स की ही बातें करते रहते हैं। टी.वी. कार्यक्रमों और फिल्मों में भी अनैतिक कामों को बहुत ही दिलकश और मज़ेदार दिखाया जाता है। मगर इसके जो बुरे अंज़ाम होते हैं, वे बहुत-ही कम दिखाए जाते हैं।” तरुणा अपने तजुरबे से जानती है कि इस तरह के बाहरी दबाव का क्या ही ज़बरदस्त असर हो सकता है। वह अपने बीते कल को याद करते हुए कहती है: “जब मैं 16 साल की थी, तब मुझे लगा कि मुझे प्यार हो गया है। एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे अपने पास बैठाकर समझाया कि अगर मैंने अपनी हरकतें नहीं बदलीं, तो एक दिन मैं गर्भवती हो जाऊँगी। मेरे कानों को तो यकीन ही नहीं हुआ कि मेरी मम्मी मुझसे ऐसी बात कह सकती है! मगर इसके दो महीने बाद, मैं सचमुच में गर्भवती हो गयी।”

3. ‘जवानी की अभिलाषा।’ (2 तीमुथियुस 2:22) इस अभिलाषा में वे सारी ख्वाहिशें शामिल हैं, जो जवानों में उठती हैं। जैसे, अपने यार-दोस्तों की मंज़ूरी पाने और अपनी एक अलग पहचान बनाने की ख्वाहिशें। वैसे ये ख्वाहिशें अपने आप में गलत नहीं, लेकिन अगर आप इन पर काबू न रखें, तो परीक्षाओं का सामना करना आपके लिए बहुत मुश्‍किल हो सकता है। मिसाल के लिए, अपनी एक अलग पहचान बनाने की ख्वाहिश आप पर इस कदर हावी हो सकती है कि आप अपने माँ-बाप के सिखाए अच्छे उसूलों को ठुकरा सकते हैं। सुमीत जब 17 साल का था, तो उसके साथ यही हुआ। वह कहता है: “अपने बपतिस्मे के कुछ ही समय बाद, मैंने अपने माता-पिता के खिलाफ बगावत की। मैंने वही सब किया, जो उन्होंने मुझे करने से मना किया था।”

यह सच है कि ऊपर बतायी बातों का आप पर काफी ज़बरदस्त असर हो सकता है। मगर फिर भी, आप परीक्षाओं का सामना कर सकते हैं। वह कैसे?

◼ पहले पता लगाइए कि किस परीक्षा का सामना करना आपके लिए सबसे मुश्‍किल हो सकता है। (आपने शायद लेख की शुरूआत में ही इस बात का पता लगा लिया हो।)

◼ इसके बाद खुद से पूछिए: ‘किन हालात में इस परीक्षा के आने की ज़्यादा गुंजाइश रहती है?’

❑ स्कूल में

❑ काम की जगह पर

❑ अकेले में

❑ दूसरे हालात में

अगर आपको पहले से पता रहेगा कि किन हालात में परीक्षा आने की गुंजाइश ज़्यादा है, तो इससे आपको उन हालात से दूर रहने में मदद मिल सकती है। मिसाल के लिए, इस लेख की शुरूआत में जो काल्पनिक सीन बताया गया है, ज़रा उसके बारे में सोचिए। केरन को किस बात से खबरदार हो जाना चाहिए था कि पार्टी में समस्या खड़ी हो सकती है? उसने जिस आज़माइश का सामना किया, उससे पूरी तरह बचने के लिए वह क्या कर सकती थी?

◼ यह पता लगाने के बाद कि (1) किस परीक्षा का सामना करना आपके लिए सबसे मुश्‍किल हो सकता है और (2) किन हालात में यह परीक्षा आने की गुंजाइश ज़्यादा है, आप आगे के कदम उठाने के लिए तैयार हैं। सबसे पहले, तय कीजिए कि परीक्षा के उठने की गुंजाइश को कम करने या फिर उससे पूरी तरह बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं। इस बारे में नीचे दी खाली जगह पर लिखिए।

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(इसे समझने के लिए दो मिसालें लीजिए: पहला, मान लीजिए कि हर दिन स्कूल के बाद आपकी मुलाकात ऐसे साथियों से होती है, जो आप पर सिगरेट पीने का दबाव डालते हैं। ऐसे में उनसे बचने के लिए आप किसी दूसरे रास्ते से जा सकते हैं। दूसरा, जब भी आप इंटरनेट पर कुछ खोजबीन करते हैं, तब न चाहते हुए भी पोर्नोग्राफी की जानकारी अचानक सामने आ जाती है। अगर ऐसी बात है तो आप अपने कंप्यूटर में ऐसे प्रोग्राम डाल सकते हैं, जो पोर्नोग्राफी की जानकारी को सामने आने से रोके। इसके अलावा, आपको जिस विषय पर जानकारी चाहिए, उसी से जुड़े शब्द सर्च इंजिन में टाइप कीजिए।)

बेशक, आप सभी आज़माइशों से नहीं बच सकते। आज नहीं तो कल, आपके सामने एक बड़ी परीक्षा आ सकती है। खासकर तब, जब आपने उसकी उम्मीद भी न की हो। ऐसे में आप क्या कर सकते हैं?

तैयार रहिए। जब “शैतान ने” यीशु की तीन बार “परीक्षा ली,” तो यीशु ने फौरन उसका विरोध किया। (मरकुस 1:13) क्यों? क्योंकि वह अच्छी तरह जानता था कि इन परीक्षाओं के पीछे परमेश्‍वर की हुकूमत और इंसान की खराई के बारे में उठाए गए अहम मसले हैं। साथ ही, उसने पहले से ठान लिया था कि जब उसके सामने ये मसले आएँगे, तो वह क्या करेगा। गौर कीजिए कि यीशु एक रोबोट नहीं था। वह शैतान के झाँसे में आ सकता था। मगर ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि उसने हर घड़ी अपने पिता की आज्ञा मानने का इरादा बाँध लिया था। (यूहन्‍ना 8:28, 29) यीशु अपने ही इन शब्दों के मुताबिक जीया: “मैं अपनी इच्छा नहीं, बरन अपने भेजनेवाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।”—यूहन्‍ना 6:38.

नीचे दी खाली जगह पर यह लिखिए कि जिस गलत काम के लिए आपको सबसे ज़्यादा लुभाया जाता है, उसका विरोध करने की दो वजह क्या हैं। साथ ही, उन दो तरीकों के बारे में भी लिखिए, जिनसे आपने उस परीक्षा का सामना करने का फैसला किया है।

1. .....

2. .....

याद रखिए, जब लुभाए जाने पर आप गलत काम कर बैठते हैं, तो आप अपनी ही इच्छाओं के गुलाम बन जाते हैं। (तीतुस 3:3) इसलिए अपनी लालसाओं को अपने ऊपर हावी होने मत दीजिए। समझ से काम लीजिए और अपनी इच्छाओं पर काबू रखिए, बजाय इसके कि आपकी इच्छाएँ आपको अपने काबू में ले लें।—कुलुस्सियों 3:5. (g 8/08)

“युवा लोग पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.watchtower.org/ype पर उपलब्ध हैं

[फुटनोट]

^ इस लेख में नाम बदल दिए गए हैं।

इस बारे में सोचिए

◼ क्या सिद्ध इंसानों को भी लुभाया जा सकता है?—उत्पत्ति 6:1-3; यूहन्‍ना 8:44.

◼ लुभाए जाने पर जब आप उसका विरोध करते हैं, तब आपकी इस वफादारी का दूसरों पर क्या असर होता है?—नीतिवचन 27:11; 1 तीमुथियुस 4:12.

[पेज 29 पर बक्स]

इसे आज़माइए

एक कंपास लीजिए और उसे इस तरह रखिए कि उसकी सुई उत्तर दिशा बताए। अब उस कंपास के पास एक चुंबक रखिए। क्या आपने देखा कि इससे क्या हुआ? जी हाँ, अब कंपास की सुई सही दिशा नहीं दिखा रही है। यह उत्तर की तरफ घूमने के बजाय चुंबक की तरफ घूम गयी है।

आपका विवेक उस कंपास की तरह है। अगर आपके विवेक को सही तरह से तालीम दी जाए, तो यह आपको हमेशा सही राह दिखाएगा और बुद्धि-भरे फैसले लेने में मदद देगा। लेकिन बुरी संगति, जो एक चुंबक की तरह होती है, आप पर गहरा असर करके आपके विवेक को भ्रष्ट कर सकती है। इससे आप क्या सीखते हैं? यही कि ऐसे लोगों और हालात से दूर रहने की कोशिश कीजिए, जिनकी वजह से अच्छे-बुरे के बीच फर्क करने की आपकी काबिलीयत बिगड़ सकती है।—नीतिवचन 13:20.

[पेज 29 पर बक्स]

सुझाव

पहले से सोचकर रखिए कि अगर कोई आपको गलत काम करने के लिए फुसलाए, तो ऐसे में आप क्या करेंगे। घबराइए मत, आपको ऐसा कुछ कहने की ज़रूरत नहीं जिससे उसे लगे कि आप खुद को कुछ ज़्यादा ही धर्मी समझते हैं। अकसर पूरे यकीन के साथ सीधा जवाब देना काफी होता है। मिसाल के लिए, अगर स्कूल का कोई साथी आपको सिगरेट पीने के लिए कहता है, तो आप कह सकते हैं: “मैं सिगरेट नहीं पीता, इसलिए मुझे सिगरेट देना बेकार है।”

[पेज 30 पर तसवीर]

जब लुभाए जाने पर आप गलत काम कर बैठते हैं, तो आप अपनी ही इच्छाओं के गुलाम बन जाते हैं