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क्या भले काम करने से हमारा भविष्य अच्छा होगा?

क्या भले काम करने से हमारा भविष्य अच्छा होगा?

सदियों से लोग मानते आए हैं कि अच्छे लोगों के साथ अच्छा होता है। आज से करीब 2,500 साल पहले कन्फ्यूशियस (जन्म: ईसा पूर्व 551; मृत्यु: ईसा पूर्व 479) नाम के एक जाने-माने दार्शनिक ने कुछ ऐसा ही कहा, “जो आप अपने लिए नहीं चाहते, वह दूसरों के लिए न करें।” एशिया में रहनेवाले बहुत-से लोग उनकी इस बात से सहमत हैं।

ज़्यादातर लोगों की सोच

आज भी बहुत-से लोग मानते हैं कि अगर वे दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करें, तो उनके साथ भी अच्छा होगा। वे सबका आदर-सम्मान करते हैं, अदब से पेश आते हैं और अपनी ज़िम्मेदारियाँ अच्छे से निभाते हैं। वे किसी का बुरा नहीं करते, इसलिए उनका मन उन्हें कचोटता नहीं। वियतनाम की रहनेवाली लिन कहती हैं, “मैं हमेशा से यही मानती आयी थी कि अगर मैं ईमानदार रहूँ, सच बोलूँ, तो मेरा भला होगा।”

कुछ लोग सिर्फ इसलिए भले काम करते हैं, क्योंकि उनके धर्म में ऐसा सिखाया जाता है। ताइवान के रहनेवाले शीयेन कहते हैं, “मुझे बचपन से सिखाया गया था कि अगर एक इंसान अच्छे काम करे, तो मरने के बाद वह सुख भोगेगा। और बुरे काम करे, तो हमेशा तड़पता रहेगा।”

नतीजा

यह सच है कि जब हम दूसरों का भला करते हैं, तो हमारा भी कई तरह से भला होता है। लेकिन बहुत-से लोगों के साथ ऐसा हुआ कि उन्होंने तो दूसरों का भला किया, पर बदले में उनके साथ लोगों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। हांगकांग की रहनेवाली स्यू-पिंग के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वे बताती हैं, “मैंने अपने घरवालों की बहुत अच्छी तरह देखभाल की, अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेरा घर बरबाद हो गया, मेरे पति मुझे और मेरे बेटे को छोड़कर चले गए।”

कई लोगों ने देखा है कि धर्म को माननेवाले सभी लोग अच्छे नहीं होते। जापान की रहनेवाली एट्‌सको कहती हैं, “मैं एक धार्मिक संगठन से जुड़ गयी। वहाँ मैं नौजवानों के लिए कार्यक्रम रखती थी। लेकिन फिर मैंने देखा कि वहाँ कुछ लोग बहुत गंदे काम करते हैं, एक-दूसरे से बड़ा बनने की कोशिश करते हैं, यहाँ तक कि दान के पैसों में हेरा-फेरी करते हैं। इससे मुझे बहुत बड़ा झटका लगा।”

“मैंने अपने घरवालों की बहुत अच्छी तरह देखभाल की, अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेरा घर बरबाद हो गया, मेरे पति मुझे और मेरे बेटे को छोड़कर चले गए।”​—स्यू-पिंग, हांगकांग

कई लोग ईश्‍वर को बहुत मानते हैं और हमेशा अच्छे काम करने की कोशिश करते हैं। फिर भी उनके साथ बुरा होता है, इसलिए वे निराश हो जाते हैं। वियतनाम की रहनेवाली जीया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वे बताती हैं, ‘मैं अपने पूर्वजों की पूजा करती थी और उन्हें हर दिन फल-फूल और खाना चढ़ाती थी। मुझे लगता था कि यह सब करने से उनका आशीर्वाद मेरे साथ रहेगा। मैंने सालों तक पूजा-पाठ की और अच्छे काम किए, फिर भी मेरे साथ अच्छा नहीं हुआ। मेरे पति बहुत बीमार हो गए। कुछ समय बाद जब मेरी बेटी पढ़ाई के लिए विदेश गयी, तो उसकी मौत हो गयी। वह सिर्फ बीस साल की थी।’

जैसा हमने देखा, सिर्फ भले काम करना इस बात की गारंटी नहीं कि हमारा भविष्य अच्छा होगा। तो फिर एक अच्छे भविष्य के लिए हमें क्या करना होगा? कौन हमें सही-सही बता सकता है? आइए अगले लेख में इस सवाल का जवाब जानें।